हम नादान है साहेब हमें हिमाकत करने दीजिए ये खंजर ,ये परवाह ये ईश्क ,ये भरोसा आप ही रखे हमे बस स्याही से खेलने दीजिए गिरा हूं फिर गिरूंगा कटों पे चलना मंजिल बहत दूर है ये फरेबी जूते दे हम पे उपकार ना कीजिए लहू बहेगा ,पसीना गवाही देगा यूं झूठे रिश्तों का चादर हमें भेट ना कीजिए हम काफिर है हम पे घमंड का छिट्टा नहीं पड़ेगा साफ आसमां है बस इसे नाप आने दीजिए गालिब ,कवि बनने का कोई इरादा नहीं बस हमें साहित्य का परचम लहराने दीजिए हम नादान है साहेब हमे हिमाकत करने दीजिए #नादान_परिंदा "नादान" #मेरे_जज्बात008 #कुनाल #yqdidi #yqbaba #kunu