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रोशनी (कहानी कैप्शन में पढ़े..) आज दीपक फिर उदा

रोशनी

(कहानी कैप्शन में पढ़े..)    आज दीपक फिर उदास मन के साथ ऑफिस में पहुँचा। ये कोई नयी बात नहीं थी। पिछले 2 साल में ज्यादातर दिन वो उदास होकर ही तो ऑफिस में आया है। दरअसल दीपक उदास था अपनी पत्नी के रवैये से जो पिछले दो साल में उसके चिड़चिड़े होने के कारण बदल गया था। लेकिन पहले ऐसा नहीं था।
    दीपक और सुनीता की शादी को छः साल पहले हुई थी। शादी के एक साल बाद ही दीपक को एक बेटा हुआ था जिसका नाम दीपांश रखा था और घर में दोनों उसे मुन्ना कहकर बुलाते थे। फिर सुनीता जब दोबारा प्रेग्नेंट हुई तो दीपांश तीन साल का था। दोनों अपनी छोटी स
रोशनी

(कहानी कैप्शन में पढ़े..)    आज दीपक फिर उदास मन के साथ ऑफिस में पहुँचा। ये कोई नयी बात नहीं थी। पिछले 2 साल में ज्यादातर दिन वो उदास होकर ही तो ऑफिस में आया है। दरअसल दीपक उदास था अपनी पत्नी के रवैये से जो पिछले दो साल में उसके चिड़चिड़े होने के कारण बदल गया था। लेकिन पहले ऐसा नहीं था।
    दीपक और सुनीता की शादी को छः साल पहले हुई थी। शादी के एक साल बाद ही दीपक को एक बेटा हुआ था जिसका नाम दीपांश रखा था और घर में दोनों उसे मुन्ना कहकर बुलाते थे। फिर सुनीता जब दोबारा प्रेग्नेंट हुई तो दीपांश तीन साल का था। दोनों अपनी छोटी स