आसरा जिसे है सिर्फ उसके नजराने का । कोई करे सितम जुल्मी या दे नशा मैखानें का ॥ बस उसके नाम का तो जाम पिया है मैने । बिन पैसे के उसे तो खरीद लिया है मैने ॥ बडी अनमोल चीज पाई है मैने बिना मोल के । जहर भी कुबूल करता हूँ अब तो दिल खोल के ॥ वह बसता है हर परवश में । मैं बसता हूँ अपने उसके सपनो में ॥ मरते दम तक मैं उसे चाहूँगा । है आस दिल को कभी-न-कभी तो उसे पाऊँगा ॥ -Sp"रूपचन्द्र" ©Sp"रूपचन्द्र"✍ #ईश्वर #भगवान #भक्ति #निर्गुण #खुदा #God #अनमोल #MomentOfTime