इन पतझाड़ो में भी गुल गुलज़ार ढूढंने वाले बड़े कमाल होते हैं ये राहों में प्यार ढूढने वाले देखो अमावस में तो आसमाँ भी हताश है आखिर क्या खूब हैं ऐसे में भी उम्मीद हजार ढूढने वाले घर खाक होते वक़्त भी खुदा का सजदा कर रहे मूरख हैं कितने हर दम पीर की मजार ढूंढने वाले हर रोज बदल रहे सफर में वो हमसफ़र खुद के कैसे ज़िंदा है ये हर दिन नया यार ढूंढने वाले भटक रहे 'काफ़िर' बनकर खुदा की तफ्तीश में कितने ज़ालिम है ये ख़ुदाई बिन संसार ढूंढने वाले #काफ़िर #नोजोतो