आपकी तरह मैं भी मुस्कुराता जरूर दिल पर क्या गुजरी वो भी बताता जरूर अधूरी मुहब्बत का क्या ज़िक्र करना यार वरना हर्फ-हर्फ पढ़कर तुम्हें सुनाता जरूर उसकी आवाज थी जैसे दिल का खुराक वो और चुप रहती तो मैं मर जाता जरूर उसे मुहब्बत का सलीका नहीं आता है नहीं तो महफ़िल में उसे भी बुलाता जरूर वो बिछड़ा जबसे छीन गई है मिठास वरना प्यार भरी ग़ज़लें मैं सुनाता जरूर बात अना पर आकर अटक गई "महबूब" नहीं तो आवाज दिया होता तो वो आता जरूर गुमनाम शायर✍️Mahboob✍️ #दिल #अधूरा_इश्क़ #हर्फ़ #सुनाता #मरजाएँगे #ghazal #गुमनाम_शायर_महबूब #gumnam_shayar_mahboob