चाहतों में बसे हो, हमारी चाहत बनकर, दिल में बसे हो अपना कहकर! अब तुम भी कुछ बताओ ना, एक ही दिल हैं तुम्हारा, थोड़ा ओर समझाओ ना! ढूंढोगे तुम हमारी शिकायतें, शिकायतों को बुलाओ ना! भरोसा चाहे कर लेना आंख मूंद कर, पहले किस्मत को आजमाओ ना!! ©आधुनिक कवयित्री #hangout