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हे हवसप्रिय मानव सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - ब

हे हवसप्रिय मानव 
सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - बहने - बेटियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी 
हमारी आंखें भी हमारी अपनी ही बच्चियों से नजरें न मिला पाएंगी 
हे हवसप्रिय मानव, तू मत सोच की तूने किसी और को नंगा किया 
तूने अपनी ही मां - बहन - बेटियों को सरेआम शर्मिंदा किया 
और उस देश को जहां बेटियों को लक्ष्मी - दुर्गा - सरस्वती कहा किया 
मां - बाप के उस सपने को भी जिसने बेटियों को अपना बेटा कहा किया 
सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - बहने - बेटियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी 
हमारी आंखें हमारी अपनी ही बच्चियों से नजरें न मिला पाएंगी 
रेप उन लोगों का भी हुआ, जिसके आस पास ऐसी हैवानियत बसती है 
रेप उस सरकार की योजनाओं का जो भ्रूण हत्याएं रोकती है
रेप उन लोगो की सहनशीलता का जो नित्य तंग कपड़ों पर तंज कसना, सुनते हैं 
रेप उन लोगो का जो समाचार की सुर्खियों में देख, चुप बैठे रहते हैं 
सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - बहने - बेटियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी 
हमारी आंखें भी हमारी अपनी ही बच्चियों से नजरें न मिला पाएंगी  
सुनो अगर यह हाल रहा बेटियों का हमारे बनाए परिवेश में
भगवान भी कतराएंगे बेटियों को भेजने से इस निर्लज देश में
कैसे गूंजेगी मुस्काती किलकारियां हमारे घर की आंगन में
कौन बांधेगा फिर राखियां हमारी सुनी कलाई में 
सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - बहने - बेटियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी 
हमारी आंखें भी हमारी अपनी ही बच्चियों से नजरें न मिला पाएंगी
पीड़िता की चिलाहट पहुंचाना चाहता हूं मैं बहरे इस प्रशासन को 
अफसोस मिलते ओ शब्द नहीं जो झकझोर सकें कानून के रखवालों को
शर्म आए रेपिस्टों के उन वकीलों को जो गर्व करते अपनी काबिलियत पर, 
ओ दिन भी दूर नहीं जब वे भी रोएंगे अपनी बेटियों की लुटती हुई अस्मत पर 
सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - बहने - बेटियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी 
हमारी आंखें भी हमारी अपनी ही बच्चियों से नजरें न मिला पाएंगी Stop_Rape
हे हवसप्रिय मानव 
सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - बहने - बेटियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी 
हमारी आंखें भी हमारी अपनी ही बच्चियों से नजरें न मिला पाएंगी 
हे हवसप्रिय मानव, तू मत सोच की तूने किसी और को नंगा किया 
तूने अपनी ही मां - बहन - बेटियों को सरेआम शर्मिंदा किया 
और उस देश को जहां बेटियों को लक्ष्मी - दुर्गा - सरस्वती कहा किया 
मां - बाप के उस सपने को भी जिसने बेटियों को अपना बेटा कहा किया 
सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - बहने - बेटियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी 
हमारी आंखें हमारी अपनी ही बच्चियों से नजरें न मिला पाएंगी 
रेप उन लोगों का भी हुआ, जिसके आस पास ऐसी हैवानियत बसती है 
रेप उस सरकार की योजनाओं का जो भ्रूण हत्याएं रोकती है
रेप उन लोगो की सहनशीलता का जो नित्य तंग कपड़ों पर तंज कसना, सुनते हैं 
रेप उन लोगो का जो समाचार की सुर्खियों में देख, चुप बैठे रहते हैं 
सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - बहने - बेटियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी 
हमारी आंखें भी हमारी अपनी ही बच्चियों से नजरें न मिला पाएंगी  
सुनो अगर यह हाल रहा बेटियों का हमारे बनाए परिवेश में
भगवान भी कतराएंगे बेटियों को भेजने से इस निर्लज देश में
कैसे गूंजेगी मुस्काती किलकारियां हमारे घर की आंगन में
कौन बांधेगा फिर राखियां हमारी सुनी कलाई में 
सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - बहने - बेटियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी 
हमारी आंखें भी हमारी अपनी ही बच्चियों से नजरें न मिला पाएंगी
पीड़िता की चिलाहट पहुंचाना चाहता हूं मैं बहरे इस प्रशासन को 
अफसोस मिलते ओ शब्द नहीं जो झकझोर सकें कानून के रखवालों को
शर्म आए रेपिस्टों के उन वकीलों को जो गर्व करते अपनी काबिलियत पर, 
ओ दिन भी दूर नहीं जब वे भी रोएंगे अपनी बेटियों की लुटती हुई अस्मत पर 
सुनो, अगर ऐसा ही रहा, माताएं - बहने - बेटियां हमें माफ नहीं कर पाएंगी 
हमारी आंखें भी हमारी अपनी ही बच्चियों से नजरें न मिला पाएंगी Stop_Rape
amitgupta9308

Amit Gupta

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