इक मरतबा मैने किसी से पूछ ही लिया तेरे बारे में साफ साफ तो नही मगर उससे जानना चाहा इशारों में उसने बताया कुछ इस तरह की मत पड़ उसके पीछे यूं बावला बन तेरे जैसे जाने कितने ही खड़े उसके लिए कतारों में और अभी वक्त है संभल जा वरना तेरे टूटे दिल की खबरे होंगी कल के अखबारों में This is only part 1 of the poem ©Sajan #तेरे_बारे_में