मेरी हाथ में नही थ वर्ना अपनी किस्मत खुद संवारता एक पल जो तू ख्वाब थ मेरा बस बैठे बैठे वो समय काटता बड़ी मासूमियत थी तेरे अल्फाज़ो में अगर पता होता तू बेवफा है में भी तेरे अल्फ़ाज़ काटता ---भरत