a-person-standing-on-a-beach-at-sunset किसान हूँ, मेहनत की रोटी कमाता हूँ, धरती से सोना हर रोज उगाता हूँ। सूरज की तपिश को गले लगाता हूँ, बारिश में भीगकर फसलें सजाता हूँ। मेरे पसीने से ही हर घर रौशन है, मैं हूँ किसान, देश का सच्चा धन है। ©all in one kisan ki mahnat #village #farmer shayari in hindi