ज़िन्दगी झड़ रही है जो हर पल सिग्रेट की तरह तैयारी है सब बन के रह जाने की राख और धुआं बहोत जगह ले रखी है आज जिस शक़्स ने यहां कल इसी शहर में किसे याद रहेगा वो क्या हुआ 14/12/20