#OpenPoetry "मैं" नशे का घूंट घूंट पिया हूं आधी जिंदगी पूरी नशे में ही जीया हूं आज मैं यहां खड़ा हूं क्योंकि नशे से अब मैं थोड़ा रिहा हूं गैरों से थोड़ा गम है अपनों से थोड़ी आंखें मेरी नम है क्योंकि आज उनके घर का कलाकार ही दफन है अपने सपनों के कफन तले ताउम्र गुनहगार है सोचता हूं कैसे वो किए होंगे करम मेरे ही अपने मुझ पर करते रहे भ्रम ये सब सोचकर मेरी आंखें भी हुई नम फूट-फूट कर रोया में मेरे आंसू भी सह गये ये सितम अब क्या लिखूं मैं आगे सब तो यहीं पे खतम #मैं #iam #myStory #नशा #nasha #life #Love #like #share #follow_me_on_instagram_