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“वो दिन भर लगा रहता है पागलों की तरह, कि इक दिन उड

“वो दिन भर लगा रहता है पागलों की तरह,
कि इक दिन उड़ेगा बादलों की तरह।”

#मानवेन्द्र #खयाल
“वो दिन भर लगा रहता है पागलों की तरह,
कि इक दिन उड़ेगा बादलों की तरह।”

#मानवेन्द्र #खयाल