एकम एका: दोकम दूआ; वा छोरी मेरी हो या ए दूआ, तिंकम तिया चारकम चौंका; घर जाऊं सु ऊंक: काड क न मौका, पाचकम पाचा छह कम छवा; जै प्टगी तोह हो जा गी हवा, सातकम साता रै आठ कम आठा; बस मै उसके खातर कसम हूं खाता, नौकम नोवा रै दस कम दाई; बहू बनेगी वा ए छोरी भाई। ©Kapil Sharma for excited #moonlight