स्मृतियाँ पाथेय बन कर ले जाती है मुझे भूतकाल में
मानो चिरकाल से प्रतीक्षारत हो मेरे आगमन में
दीप्त हो रही स्मृतियाँ मानस पटल पर
किंचित कुछ शेष रह जाता है
मध्य रात्रि के किसी भयानक सपने की भाँति
झिंझोड़ती है मुझे किसी हृदय विदारक घटना की भाँति #yqdidi#अनाम#anumika#अनाम_ख़्याल#mynightthoughts#रात्रिख़्याल#मध्यरात्रिकासूर्य