बया ना कर सके ऐसी मजबूरी थी मोहब्बत थी बेइंतहाँ इजहार ना कर पाए कैसी मजबूरी थी करते है दिन भर बाते और नोक झोक करते है दिन भर बाते और नोक झोक आज उनकी सालगीरह थी और हम साथ मे ना सही कही जिक्र तक ना कर पाए मजबूरी थी ……. आपका हमदर्द ©Kiran Pawara #lovesadshayri #sad_feelings quote on love