गुनहगार हूं मैं खुद भी, अपनी कोख को उजड़वाने में साथ दिया मैंने। उस नन्ही कोमल सी जान को, दुनियां में आने से महरूम कर दिया मैंने। आज तड़पती हूं मैं और मेरा अंतर्मन, क्यों जमाने का साथ दिया मैंने। क्यों समय रहते हिम्मत न दिखा पाई और क्यों बगावत ना की मैंने। Sanju Tripathi -"Ek Soch" #sanjaysheoran #ritiksheoran #साहित्यिक सहायक #अखंड आर्यावर्त #yqbaba #yqdidi #महरूम