White ऐसे ही निकल जाते हैं दिन कई..... कोहरे से शुरू हो कर, उसी धुंधलेपन में सिमट जाते हैं। बहुत से अरमान बनते, कई ख़्वाब बिखर जाते हैं। इस कोहरे मे भी, कुछ राहगीर निखर आते हैं कई थक हार कर चूर हो जाते हैं। कितना कुछ हो जाता है एक दिन में.... कई लम्हे पास, कई दूर हो जाते हैं। कुछ किस्से दफन, तो कुछ मशहूर हो जाते हैं। ©KhaultiSyahi #eidmubarak #My___Voice #mylife #MyThoughts #MyPoetry #mypoems #khaultisyahi #myfeelings #SAD #Truth an a realityoflife