चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है हम को अब तक आशिकी का वो ज़माना याद है तुझसे कुछ मिलते ही बेबाक सा हो जाना मेरा तेरा दांतों में वो अंगुली दबाना याद है खींच लेना मेरे पर्दे का कोना अचानक तेरा दुपट्टे से मुंह छुपाना तेरा वो याद है मुझे ©Manish Poddar #Smile