#BehtaLamha
सपनों के फूल कुम्हला गए, शब्दों के शूलों से हृदय हुआ विदीर्ण।
घाव,,,घाव ना रह,बन गए नासूर।
कुसूर बस इतना सा था।
ना दिया कभी जवाब कभी ना अपनी मर्जी जाहिर की ,
उनकी खुशियों में ही खुश,बस यही कोशिश जारी रही।
पलट कभी ना देखा दिल के छालों को,
सहलाते हम उनके पैर रहे। #kukku2004