म यू निकला ज़िन्दगी ढूढ़ने बस उसे याद रख सब कुछ भूलने हर एक मोड़ पर एक चौराहा मुझे मिला लगा फिर में जो रास्तों में रस्ता ढूढ़ने फिर मिली एक ऐसी डगर जहाँ हर एक रिश्ता खड़ा था वहाँ मुझ से वसूलने उसके भी हर घर मे मिन्नतें की मैंने वहां भी ज़रा देर की मेरे रसूल ने कमाया भी सब पराया हो गया बस एक ज़िन्दगी खड़ी थी मुझे कबूलने म यू निकला ज़िन्दगी ढूढ़ने बस उसे याद रख सब कुछ भुलने म यू निकला ज़िन्दगी ढूढ़ने ©Kapil Rajasthani #Life K