शेष अनुशीर्षक में पढ़ें... दि कु पाण्डेय ममता... वो भी मां की ना परिस्थितियों की दास होती हैं.. एक मां.. जन्म देने में ही सिर्फ़ बच्चे को.. कई बार मर मर जीती है.. दर्द जो शब्दों में बयां ना हो सकें वो दर्द सिर्फ़ बच्चे को जन्म देने में वो सहती है धरा सी सहन शक्ति मां में होती है