बृहस्पतिदेव का मूल मंत्र :- ॐ बृं बृहस्पतये नम: रहिमन अंसुवा नयन ढरि, जिय दुःख प्रगट करेइ, जाहि निकारौ गेह ते, कस न भेद कहि देइ. रहीम कहते हैं की आंसू नयनों से बहकर मन का दुःख प्रकट कर देते हैं, सत्य ही है कि जिसे घर से निकाला जाएगा वह घर का भेद दूसरों से कह ही देगा...! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' बृहस्पतिदेव का मूल मंत्र :- ॐ बृं बृहस्पतये नम: रहिमन अंसुवा नयन ढरि, जिय दुःख प्रगट करेइ, जाहि निकारौ गेह ते, कस न भेद कहि देइ.