ज़हरआलूद थी अब तक, तू अब बदनाम हो गई गंगा..! कितने मजलूमों की लाशें तेरे नाम हो गई गंगा..!! इनके ज़ुल्म की इंतिहा तो अब सरे आम हो गई गंगा..! हैवानियत जीती, इन्सानियत नाकाम हो गई गंगा.. ©Abd Khan #गंगाघाट