वो शायद वो बूढ़ी दादी थी, हाँ वही ..... मिला जो आज तक उपहार, सबसे भाववाहक था वो कौर, एक ही रोटी थी , आधी खुद खाई,आधी मुझे खिला दिया, माँ न होते हुए भी माँ का फर्ज़ निभा दिया । #dadi #love #inspiration