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सामने मंज़िल थी और, हम बेहतर रास्तों की तलाश में भट

सामने मंज़िल थी और, हम बेहतर रास्तों की तलाश में भटक गए।
भटकते-भटकते राह भटक गए।
और मुसाफिर बन‌ गए।
मिली थी मंज़िल हमें एक दिन राहों में,
वो मुस्कुराई इस कदर कि
 हम राहगीर बन गए।
Neha_Pandya #राहगीर
सामने मंज़िल थी और, हम बेहतर रास्तों की तलाश में भटक गए।
भटकते-भटकते राह भटक गए।
और मुसाफिर बन‌ गए।
मिली थी मंज़िल हमें एक दिन राहों में,
वो मुस्कुराई इस कदर कि
 हम राहगीर बन गए।
Neha_Pandya #राहगीर