तेरा इश्क यूँ निर्झर बहता गया, मैं सुखे तलाब से बहता दरिया हुआ, मन खिल गया यूँ जैसे बहार आई हो, मैं खुशी से खिला कमल हो गया, एहसास इश्क का इतना हसीन होता है, आज तेरे संग ये महसुस हुआ, तुमने दे दिए जिंदगी को अयाम नए, दिल जीने को अब मचलने लगा। #निर्झर #collab_ क़लम_ए_ हयात_ #क़लम_ए_हयात #जन्मदिन _Qeh22