दिल की तड़प मेरी, बस मेरा दिल जानता हैं। फिर भी मोहब्बत की गलियों में जाने से, कमबख्त दिल ये न जाने क्यों नहीं मानता हैं। ~रवि #हिंदी पोएट्री#दास्तान ऐ मोहब्बत#