इधर उधर से दिमागी चंद अल्फाज ले आता हूं लिखता हूं तुम्हे फिर होश ढूंढने लग जाता हूं...— % & कोशिश भी बेकार है जिंदगी में लौटने की बेहोशी अच्छी है तुम्हारे ख़यालो की