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माँ चाहे कितनी भी बूढी क्यूँ न हो पर वह सोना है मा

माँ चाहे कितनी भी बूढी क्यूँ न हो
पर वह सोना है
माँ वो रौनक की डिबिया है जहाँ
कदम रख दे वहाँ खुशियाँ का तय आना है
माँ वो दौलत है जो होती तो सबके नसीब में है
पर आती किसी किसी के हिस्से में हैं
           🙏🏼लव यू माँ🙏🏼 गुड मॉर्निंग
माँ चाहे कितनी भी बूढी क्यूँ न हो
पर वह सोना है
माँ वो रौनक की डिबिया है जहाँ
कदम रख दे वहाँ खुशियाँ का तय आना है
माँ वो दौलत है जो होती तो सबके नसीब में है
पर आती किसी किसी के हिस्से में हैं
           🙏🏼लव यू माँ🙏🏼 गुड मॉर्निंग