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जहां फूलों को खिलना था वहीं खिलते तो अच्छा था  तुम

जहां फूलों को खिलना था वहीं खिलते तो अच्छा था 
तुम्हीं को हम ने चाहा था तुम्हीं मिलते तो अच्छा था

कोई आकर हमें पूछे तुम्हें कैसे भुलाया है 
तुम्हारे खत को अश्कों से शब -ऐ -गम में जलाया है 
हज़ारों ज़ख्म ऐसे हैं अगर सिलते तो अच्छा था

तुम्हें जितना भुलाया है तुम्हारी याद आई है 
बहार -ऐ -नौ जो आई है वो ही खुश्बू लाई है 
तुम्हारे लब मेरी खातिर अगर हिलते तो अच्छा था
मिला है लुत्फ़ भी हम को हसीं यादों की झिलमिल में 
कटती है ज़िंदगी तुम बिन मगर इतनी सी है दिल में 
अगर तुम आते तो अच्छा था अगर मिलते तो अच्छा था मिलते तो अच्छा था........
जहां फूलों को खिलना था वहीं खिलते तो अच्छा था 
तुम्हीं को हम ने चाहा था तुम्हीं मिलते तो अच्छा था

कोई आकर हमें पूछे तुम्हें कैसे भुलाया है 
तुम्हारे खत को अश्कों से शब -ऐ -गम में जलाया है 
हज़ारों ज़ख्म ऐसे हैं अगर सिलते तो अच्छा था

तुम्हें जितना भुलाया है तुम्हारी याद आई है 
बहार -ऐ -नौ जो आई है वो ही खुश्बू लाई है 
तुम्हारे लब मेरी खातिर अगर हिलते तो अच्छा था
मिला है लुत्फ़ भी हम को हसीं यादों की झिलमिल में 
कटती है ज़िंदगी तुम बिन मगर इतनी सी है दिल में 
अगर तुम आते तो अच्छा था अगर मिलते तो अच्छा था मिलते तो अच्छा था........