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हया रूपी "बर्तन" को जब रखती हो ज्वलन्त आगोश पर और

हया रूपी "बर्तन" को
जब रखती हो ज्वलन्त 
आगोश पर और फिर
मिलाती हो जब उसमें
सुरमई आँखों के काजल जैसी
"पत्ती"
उँगलियों के मिठास वाली
"शक्कर"
शाम के बांकपन सी 
"अदरक"
तब बनती इश्क़ वाली 
"चाय"
हुस्न के हाथों से लेकर कुल्हड़, 
बस चुस्कियां लगाता है मेरा प्यार..!  चाय पी लो 

#yqbaba #picquote #yqaestheticthoughts #yqdidi #chai  #YourQuoteAndMine
Collaborating with Aesthetic Thoughts
हया रूपी "बर्तन" को
जब रखती हो ज्वलन्त 
आगोश पर और फिर
मिलाती हो जब उसमें
सुरमई आँखों के काजल जैसी
"पत्ती"
उँगलियों के मिठास वाली
"शक्कर"
शाम के बांकपन सी 
"अदरक"
तब बनती इश्क़ वाली 
"चाय"
हुस्न के हाथों से लेकर कुल्हड़, 
बस चुस्कियां लगाता है मेरा प्यार..!  चाय पी लो 

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