देख देश की अवस्था, मजदूरों ने आवाज़ लगाई, सुना है दूर देश से शोषित आवे हैं ई का होवे है शोषित ? जो भी होवे है । ना आना तुम भाइयों , खुद के देश में शरणार्थी बन बैठे हम सूने है तुम शोषित तो, एक नकाबपोश मंशुबा हो । ~आनंद #migrants