आग में फूलने फलने का हुनर जानते हैं, ना बुझा हमको के जलने का हुनर जानते हैं.... हर नये रंग में ढलने का हुनर जानते हैं, लोग मौसम में बदलने का हुनर जानते हैं.... आपने सिर्फ़ गिराने की अदा सीखी है, और हम गिर के संभलने का हुनर जानते हैं.... क्या समेटेगा हमें वक्त का गहरा दरिया, हम किनारों से उबलने का हुनर जानते हैं.... शौक से आयें मेरे साथ मेरे साथ चलें, आप अगर आग पे चलने का हुनर जानते हैं.... चाल चलने में महारत है यहाँ लोगों को, और हम बचके निकलने का हुनर जानते हैं.... Sandeep ajanavii hunar sikha hai hamne