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भटक गए हम राहों में मंजिल का ठिकाना कोई नहीं था, ल

भटक गए हम राहों में मंजिल का ठिकाना कोई नहीं था,
ले गई जिन्दंगी हमें वहां जहां हमें जाना नहीं था।

©writer maurya Anil  खूबसूरत दो लाइन शायरी Maya Sharma  puja udeshi  kiran kee kalam se  Beena Kumari  Somya Sakshi
भटक गए हम राहों में मंजिल का ठिकाना कोई नहीं था,
ले गई जिन्दंगी हमें वहां जहां हमें जाना नहीं था।

©writer maurya Anil  खूबसूरत दो लाइन शायरी Maya Sharma  puja udeshi  kiran kee kalam se  Beena Kumari  Somya Sakshi