ढ़ली थी सांझ जहां पर जहां पर रात यह सो गयी थी "लाडली" तेरी समृति वही वही एहसास लिए होता है भोर ,भानू की कोपले नयी फूट पड़ती है लेकिन मेरा हृदय, मेरा मन सिर्फ तुम ,सिर्फ तुम्हारे ख्यालो़ तुम्हारे एहसासों में डूबा रहता है नज़रों में छुपा ले, देर ना कर ʘ ये दूरी मिटा ले, देर ना कर ⚘ अब दिल में बसा ले, देर ना कर ☙ सीने से लगा ले, देर ना कर ⺖