ये काग़ज़ कहीं उठाने को भारी न हो जाएं, ग़लतियाँ हादसों में कहाँ सिमटी हैं, शायद तब तक बंद हो जाये न ये ज़बां । सफ़्हे=pages, पन्ने #Poetrybaaz #yplm #aestheticthoughts #restzone #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Pushp Lata