White शहर की रात और मैं नाशाद ओ नाकारा फिरूँ जगमगाती जागती सड़कों पे आवारा फिरूँ ग़ैर की बस्ती है कब तक दर-ब-दर मारा फिरूँ ऐ ग़म-ए-दिल क्या करूँ ऐ वहशत-ए-दिल क्या करूँ ©Z Rahman #sad_dp shayari on life hindi shayari