जिससे चाहा था बिखरने से बचा ले मुझको, कर गया तेज हवाओं के हवाले मुझ को, मैं वो बुत हूँ कि तेरी याद मुझे पूजती है, फिर भी डर है ये कहीं तोड़ न डाले मुझको खुशबू की तरह आये वो तेज हवाओं में, माँगा था जिसे हमने दिन रात दुआओं में, वो निकल भी गये कुछ इस अदा से ये प्रकाश भटक रहा है दिन रात घटाओं में। #yqbaba #yqdidi #yqdada #sundaythoughts