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तुमसे  ही  लड़, गया नयन। खिला खुशी से,मन उपवन। चलो 

तुमसे  ही  लड़, गया नयन।
खिला खुशी से,मन उपवन।
चलो  सुना  दो, मधुर वचन।
हो  जाऊँ   मैं , मस्त  मगन।

मुझको अपना, बना सजन।
आशा की अब,तुम्हीं किरन।
छूकर  तुमको, चली  पवन।
खुशबू   फैली, धरा   गगन।

भा  जाती  है,  मुझे  छुअन।
मिटती दिल की,तेज चुभन।
न  चेहरे  पर, रखो  शिकन।
अपना  होगा,जल्द  मिलन। #मनमोहन_छंद #विश्वासी
तुमसे  ही  लड़, गया नयन।
खिला खुशी से,मन उपवन।
चलो  सुना  दो, मधुर वचन।
हो  जाऊँ   मैं , मस्त  मगन।

मुझको अपना, बना सजन।
आशा की अब,तुम्हीं किरन।
छूकर  तुमको, चली  पवन।
खुशबू   फैली, धरा   गगन।

भा  जाती  है,  मुझे  छुअन।
मिटती दिल की,तेज चुभन।
न  चेहरे  पर, रखो  शिकन।
अपना  होगा,जल्द  मिलन। #मनमोहन_छंद #विश्वासी