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वही पुराना रूप, वही पुराना अंदाज़ है ग़र कुछ बदला

वही पुराना रूप, वही पुराना अंदाज़ है ग़र कुछ बदला है तो, वो मेरी आवाज़ है

वो जो एक ख़नक सी थी, मेरी आवाज़ में अब तो यूँ लगता है, जैसे कोई टूटा साज़ है

ख़ामोशी नें छीन ली है, मेरी वो मुस्कुराहटें वरना खिलखिलाते रहना मेरा मिजाज़ है

ग़म वही दे गए मुझे, जिसे मैंने ख़ुशी दी क्यूँ कहूं, ये तो सीने में दफ़न एक राज़ है..!!

©Kanchan Agrahari
  #sugarcandy  Anshu writer @_सुहाना सफर_@꧁ঔৣMukeshঔৣ꧂RJ09 R... Ojha Neelam Modanwal Laxmi Singh