अपने-अपने #पक्ष की, बातें करते सब है.! कौन करेगा उनकी बातें, भूख से जो मर जाते.! कह नही पाते बातें अपनी, दर्द बयां नही कर पाते.! नियती मान जी लेते जीवन, कहते यही नसीब है.! उनकी भी तुम बात करो, आवाज़ बनो कभी उनकी.! उनके दर्द को समझें हम, यह फर्ज़ है हम सबकी.! #अजय57 अपने-अपने #पक्ष की, बातें करते सब है.! कौन करेगा उनकी बातें, भूख से जो मर जाते.! कह नही पाते बातें अपनी, दर्द बयां नही कर पाते.! नियती मान जी लेते जीवन, कहते यही नसीब है.!