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नौका दर्द की झील के किनारे बैठा हूँ खुद भी नही म

नौका

दर्द की झील के किनारे बैठा हूँ 
खुद भी नही मालूम मेरा हाल कैसा है
सुना है रोज धूप में तकिया सुखाते हो
हाल तुम्हारा भी कुछ हमारे जैसा है 

सम्भालना खुदको ऐसे बह न जाना 
पलड़ा वक़्त का बदलता रहता है 
मिलेगा उत्तर तेरे दिल के प्रश्नों का भी
मुझे पता है तेरा मन भी मूर्छित रहता है

तू भयभीत है प्रेम से पर ये परम सत्य है
मेरे प्रभाव को अपने भीतर रोकता है
एक बार फिर से नौका में सवार हूँ मैं
शून्य तो चाँद में भी तूझे देखता है

©शून्य #First #FirstPostOnNojoto #Love #love❤ #poem #Poetry #nojohindi #nojato #nojatolove
नौका

दर्द की झील के किनारे बैठा हूँ 
खुद भी नही मालूम मेरा हाल कैसा है
सुना है रोज धूप में तकिया सुखाते हो
हाल तुम्हारा भी कुछ हमारे जैसा है 

सम्भालना खुदको ऐसे बह न जाना 
पलड़ा वक़्त का बदलता रहता है 
मिलेगा उत्तर तेरे दिल के प्रश्नों का भी
मुझे पता है तेरा मन भी मूर्छित रहता है

तू भयभीत है प्रेम से पर ये परम सत्य है
मेरे प्रभाव को अपने भीतर रोकता है
एक बार फिर से नौका में सवार हूँ मैं
शून्य तो चाँद में भी तूझे देखता है

©शून्य #First #FirstPostOnNojoto #Love #love❤ #poem #Poetry #nojohindi #nojato #nojatolove