दिल को मिस्मार कर के देखा है। हमने भी प्यार कर के देखा हैं।। शख़्सियत दाग़ दाग़ हो बैठी, ज़हन बीमार कर के देखा है आप क्या जानें दिल की तड़पन को? आपने प्यार कर के देखा है? छोड़ बैठा वही भंवर में साथ, जिसको पतवार कर के देखा है।। यूँ ही लब पर खिली नहीं 'मुस्कान' ज़र्फ़ तलवार कर के देखा है।। ©माधुरी"मुस्कान"शर्मा देखा है