लौट आओ ऐ ताजी हवा मुझमे अभी जीने की चाहत बाकी है कब तलक यूँ तड़पा जाए ख्वाहिशों की कई आहट बाकी है । जहर ही जहर है ऐ हवा तुझमें भी और मुझमें भी हर जगह बस जहर बाकी है, लौट आओ ऐ ताजी हवा मुझमें अभी जीने की चाहत बाकी है । रूह की बंदिशे और जिस्म का खुलापन खुदा भी छोड़ जाए खुदाई अब बस यही कहर बाकी है, लौट आओ ऐ ताजी हवा मुझमें अभी जीने की चाहत बाकी है । कहते हैं कि उस डाल पर कोई फूल ना खिलेगा अब दिखने को शेष ठठरियाँ और बस कसक बाकी है, लौट आओ ऐ ताजी हवा मुझमें अभी जीने की चाहत बाकी है । कहता है वो मुझसे कि तेरी राहों से गुजरे ज़माना हो गया पर इश्क़ की ख्वाहिश बाअदब बाकी है, लौट भी आओ ऐ ताजी हवा मुझमें अभी जीने की चाहत बाकी है । लौट आओ ऐ ताजी हवा मुझमे अभी जीने की चाहत बाकी है कब तलक यूँ तड़पा जाए ख्वाहिशों की कई आहट बाकी है । जहर ही जहर है ऐ हवा तुझमें भी और मुझमें भी हर जगह बस जहर बाकी है,