विकलांगता विकलांग जनों में भी होती, प्रतिभा बड़ी ही गजब की है। अदम्य साहस और चुनौतियों से भरी, जिंदगी इनकी है। लड़खड़ाते कदमों से ही, गगन को छूने का जज्बा रखते हैं। पर्वत भी झुक जाते हैं और नदियांँ भी राह देती इनको हैं। जिंदगी का बोझ ढोते, घिसटती जिंदगी बैसाखियों पर हैं। बेबसी का दर्द झलकता, मासूमों की मासूम आंँखों से है। मन को ना दुर्बल होने देते, इनके मन ऊंँची उड़ान से भरे हैं। आंँखों में खूबसूरत सपनों को पूरा करने की चाह लिए हैं। अरुणिमा एक पैर के बिना भी एवरेस्ट फतह कर जाती है। हौसलों की ऊंँची उड़ान हो तो विकलांगता भी हार जाती है। बिना पैरों के भी, ये हर मुश्किल में डटकर खड़े रह सकते हैं। बिना हाथों के भी, ये नया स्वर्णिम इतिहास रच सकते हैं। सब विकलांग बलवान बनेंगे, गर समाज का साथ पा जाएंगें। हम विकलांगता का दर्द समझ जाएंँगे, जब इन्हें अपनाएंँगे। -"Ek Soch" #विकलांगता-9/15 #कोराकागज #collabwithकोराकागज #होलीकेहमजोली #होली2021 #KKHKH2021 #विशेषप्रतियोगिता