चले परदेस में अब हम शहर बेगाना लगता हैं नहीं कीमत यहां कोई दिल पर हर्ज़ाना लगता हैं, सितम खाएं हैं जो दिल ने दवा उसकी नहीं कोई कहें किसको ये दिल अपना सब तो बेगाना लगता हैं। ©Savitri Parveen Kumar #galiyaan