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अभी तो उठे है, अब भी आँखे भारी है नींद थी सुकून की

अभी तो उठे है, अब भी आँखे भारी है
नींद थी सुकून की फिर भी
पूरी नहीं हुई है 
येह मायके की सुकून है जनाब
मेरा बचपन लौट आया है

©NIKHAT الفاظ جو دل کو چھو لے
  #मायका