खोल दे पंख मेरे कहता है परिंदा अभी और उड़ना बाकी है.... जमी नहीं है मंजिल मेरी अभी पूरा आसमान बाकी है ©Prakash Kumar Bharti खोल दे पंख मेरे कहता है परिंदा #Freedom