हम कितने दूर निकल आए इस भीड़ से कहीं सोप जाए अकेले ही ठीक है कम से कम मुस्कुराया तो करते हैं भीड़ में तो आंसू पोछने वाला भी कोई नहीं #Fences by shweta Jha